पहचाने क्या है पीसीओएस के लक्षण और जानें पीएसओएस में मां कैसे बनें? (What are the symptoms of PCOS and how to become a mother in PSOS?) आज कल बहुत सी महिलाये हैं जो मातृत्व सुख उठाना चाहती हैं लेकिन उन महिलाओं को गर्भधारण में समस्या आती है। जिसके कारण तो बहुत होते है पर उनमें से एक कारण पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम भी है, जिस पर आज हम चर्चा करेंगे। आज के समय में लगभग 10 से में एक महिला पीसीओएस से पीड़ित है।
वैसे तो यह समस्या किसी भी उम्र वर्ग की महिला को हो सकती है, लेकिन अधिकांशतः महिलाओं में इसका पता उन्हें तब लगता है जब वो अपनी प्रेग्नेंसी प्लान कर रही होती हैं। इससे पहले तो बहुत ही महिलाये पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम के लक्षणों को पहचान ही नहीं पांति या उन पर ध्यान ही नहीं देंती हैं।
पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम महिलाओं के प्रजनन अंग को किसी भी उम्र में प्रभावित कर सकते हैं। हालांकि इससे सबसे ज्यादा समस्या महिलाओं को उस समय में होती है, जब वह अपनी प्रेग्नेंसी प्लान कर रही होती हैं।
शादी के बाद जब २-३ साल के बाद भी कुछ महिलाये प्रेग्नेंट नहीं हो पाती। इसके बाद जब वो अपनी जांच कराती हैं तब जाकर उनके पता चलता है की पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम ही वह कारण है जो उन्हें मातृत्व सुख का आनंद उठाने के आड़े आ रहा हैं।
पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम यानि की पीसीओएस की वजह से अधिकतर महिलाओं को उनकी गर्भधारण की प्रक्रिया में मुश्किल खड़ी हो जाती है। पीसीओएस के कारण महिलाओं में ovulation नहीं हो पाता हैं और इससे रीप्रोडक्टिव हार्मोन्स भी प्रभावित होते हैं। इस बारे में Dr. Garima Sharma (FRM, M.S. OBGY, DNB OBGY) ने बहुत सी जानकारी एक प्रसिद्ध मीडिया पार्टर से साझा की, जो हम आज आपके लिए लेकर आये हैं :–
क्या है पीसीओएस के लक्षण (symptoms of PCOS in Hindi)
- मुख्य कारण है महिलाओं को अनियमित पीरियड्स होना।
- पीसीओएसइस बहुत सी महिलाओं को मासिकधर्म 21 दिन से भी कम वक्त में आ जाते है। और कुछ महिलाओं में १२ महीनो में 8 बार से भी कम पीरियड्स होते हैं।
- androgen हार्मोन के कारण कुछ महिलाओं के चेहरे, पेट के निचले हिस्से, और groin में अनचाये बाल बढ़ने लगते है।
- चेहरे पर मुंहासे का आना
- चेहरे और गर्दन पर झुर्रियों का आना और बढ़ना
- वज़न या मोटापा बढ़ना
- बालों का अधिक झड़ना या फिर पुरुषों की तरह सिर के बाल झड़ना
- गर्भधारण करने में समस्या

इन कारणों से होता है पीसीओएस
पीसीओएस क्यों होता है इसका वास्तविक कारण मेडिकल साइंस में अभी स्पष्ट नहीं है। परन्तु इसको कई कारणों से जोड़ कर देखा जाता हैं। पीसीओएस का एक कारण androgen हार्मोन हैं जोकि एक male हार्मोन है। सभी महिलाओं में androgen का स्राव होता है, परन्तु बहुत कम मात्रा में।
लेकिन कुछ महिलाओं के शरीर में मेल हार्मोन androgen की मात्रा बढ़ने के कारण उन्हें पीसीओएस की समस्या का सामना करना पड़ता है। जिसकी वजह से उन्हें गर्भ धारण करने में बहुत की दिक्कतें आती है। पीसीओएस का एक कारण महिलाएं हर महीने ovum यानी एग रिलीज बहुत कम या नहीं कर पातीं हैं।
Read this also शरीर में विटामिन बी 12 की कमी के हो सकते है गम्भीर परिणाम ! Vitamin B 12 Deficiency
दूसरा कारण पीसीओएस का इंसुलिन रेसिस्टेंस भी होता है। जब कुछ महिलाओं के शरीर में इंसुलिन की मात्रा बढ़ जाती है तो उनका मेटाबॉलिज्म प्रभावित होता है। जिससे उनका वजन बढ़ने लगता है और इसी कारण पीसीओएस के लक्षण भी शरीर में बढ़ने लगते हैं।
कैसे करें पीसीओएस में गर्भधारण ?
जैसा की हम पहले ही बता चुके हैं की अधिकतर महिलाये पीसीओएस में आने वाले प्रारंभिक लक्षणों पर ध्यान नहीं देती हैं। उन्हें इस समस्या का पता तब लगता है जब तक वह गर्भधारण न हो पाने का कारण जानने डॉक्टर के पास जाती हैं।
पीसीओएस में भी आप मातृत्व सुख का आनंद ले सकती हैं। बस उसके लिए आपको अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव करने होंगे। और सबसे जरुरी बात अपने गायनेकोलोजिस्ट डॉक्टर से मिले और उन से परामर्श के बाद ही आप नीचे दिए विकल्पों की मदद ले सकते हैं :-
- सबसे पहले अपने मासिकधर्म के चक्र को नियमित करने की कोशिश करें इसके लिए
- हार्मोनल बर्थ कंट्रोल के तरीकों को अपनाया जा सकता है जैसे कि बर्थ कंट्रोल गोलियों, इंट्रायूट्राइन डिवाइस या वजाइनल रिंग।
- एंटी-एंड्रोजन दवाएं आप ले सकते है जो आपके शरीर में एंड्रोजन के बढ़ते लेवल के कम करने में मदद करेंगी।
- टाइप-2 डायबिटीज में दी जाने वाली दवा भी आपके शरीर में बढ़ते एंड्रोजन को कम कर सकती है। तथा यह दवा पीसीओएस के अन्य लक्षणों जैसे कि चेहरे पर बालों बढ़ना और मुहांसो को कम कर सकती है।
- पीसीओएस की वजह से शरीर में मोटापा बढ़ने लगता है। इसको कम करने के लिए आप अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव जरूर करें जैसे प्रतिदिन सैर पर जाये, व्यायाम करें, संतुलित आहार लें।
- अपनी गायनेकोलोजिस्ट से अवश्य मिले। पीसीओएस में डॉक्टर ब्लड टेस्ट, पेल्विक अल्ट्रासाउंड, फिजिकल एक्जामिनेशन से आपके शरीर में हार्मोन लेवल जांचेगा। जिससे वह ओव्युलेशन की प्रक्रिया को रेगुलेट करने का प्रयास करेगा।
- गर्भधारण के लिए इन-वीट्रो फर्टिलाइजेशन का विकल्प भी अपनाया जा सकता हैं।
अगर आपको यह जानकारी (पीसीओएस के लक्षण) उपयोगी लगी तो इसे जरूर शेयर करें। कृप्या किसी भी उपाय को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। कृपया हमारे फेसबुक पेज https://www.facebook.com/FemSlate को ज़रूर लाइक करें ।
Reference:
https://www.myupchar.com/ ; https://www.womenshealth.gov/a-z-topics