How do beauty products and ingredients work
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सौंदर्य उत्पाद और उसके इंग्रेडिएंट्स कैसे काम करते है? जाने विस्तार में

सौंदर्य उत्पाद और उसके इंग्रेडिएंट्स कैसे काम करते है? अपने ब्यूटी रूटीन पर गौर करें- डॉक्टर प्रियंका रेड्डी

स्किनकेयर बाज़ार ऐसे उत्पादों से भरा पड़ा है जो मुँहासों को ठीक करने से लेकर आपके चेहरे पर दिखने वाली झुर्रियों और फाइन लाइन्स को दूर करने का वादा करते हैं। लेकिन ये उत्पाद किस तरह से काम करते हैं? अपनी त्वचा की समस्याओं को दूर करने के लिए सबसे अच्छे उत्पाद को चुनने के लिए वह उत्पाद किन चीजों से बना है, इसे समझना भी बहुत जरूरी है। विज्ञान एवं तकनीक में हो रही प्रगति के साथ त्वचा विशेषज्ञों ने ऐसे उत्पाद तैयार किए हैं जो त्वचा संबंधी विशेष रोगों के लिए चमत्कार साबित हो सकते हैं। आईए समझने का प्रयास करते हैं कि वे क्या हैं और किस प्रकार काम करते हैं।    

रेटिनॉल

फाइन लाइन्स और झुर्रियों को कम करने और रोकने का सबसे लोकप्रिय स्किनकेयर इंग्रीडिएंट है रेटिनॉल। रेटिनॉल और कुछ नहीं बल्कि विटामिन ए है जो शरीर में कॉलाजन के उत्पादन को बढ़ाता है। कॉलाजन त्वचा के कसाव को बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी होता है। 21 वर्ष की उम्र के बाद प्रतिवर्ष कॉलाजन का प्राकृतिक रूप से बनना 1% की दर से कम होने लगता है। इसलिए रेटिनॉयड युक्त क्रीमों का प्रयोग फाइन लाइन्स और झुर्रियों को कम करने में मदद कर सकता है और त्वचा के कसाव को बढ़ाता है। 

सौंदर्य उत्पाद और उसके इंग्रेडिएंट्स कैसे काम करते है
सौंदर्य उत्पाद और उसके इंग्रेडिएंट्स कैसे काम करते है

ग्लाइकॉलिक एसिड

सामान्य रूप से ग्लाइकॉलिक एसिड गन्ने से मिलता है और यह कई स्किनकेयर उत्पादों में इस्तेमाल किया जाने वाला आम इंग्रीडिएन्ट है। यह त्वचा को एक्स्फोलीएट (पपड़ी पड़ना) कर और मृत कोशिकाओं को एक दूसरे से अलग कर मुँहासे होने वाली त्वचा पर बहुत अच्छा काम करता है। ग्लाइकॉलिक एसिड पिगमेंटेशन से छुटकारा पाने में भी मदद करता है। इसे कॉलाजन, जो फाइन लाइन्स और झुर्रियों को कम करने में मदद करता है, के उत्पादन को बढ़ाने में भी मददगार पाया गया है।   

सैलिसिलिक एसिड

सैलिसिलिक एसिड एक प्रकार का बीटा– हाइड्रॉक्सी एसिड (बीएचए/BHA) है जो मुँहासों को ठीक करने में मदद करता है। यह त्वचा को एक्स्फोलीएट कर रोमछिद्रों को बंद कर सकने वाले त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाता है। मुँहासों पर काम करने वाले अन्य इंग्रीडिएन्ट्स की तुलना में सैलिसिलिक एसिड का एक बड़ा फायदा यह है कि इसमें एंटी इन्फ्लैमटॉरी गुण होते हैं जिसका त्वचा पर सुखद और शांतिदायक प्रभाव पड़ता है।

हायलूरॉनिक एसिड

हायलूरॉनिक एसिड शरीर में प्राकृतिक रूप से बनता है और हमारी त्वचा, संयोजी ऊतकों (कनेक्टिव टिश्यू) और आँखों में पाया जा सकता है। यह हमारे ऊतकों में चिकनाई और नमी बनाए रखने के लिए पानी प्रतिधारण (वाटर रीटेंशन) में मदद करता है। उम्र बढ़ने की प्राकृतिक प्रक्रिया और यूवी किरणों एवं प्रदूषण के कारण त्वचा में हायलूरॉनिक एसिड की मात्रा कम होने लगती है और वह सूखी एवं बेज़ान दिखने लगती है। हायलूरॉनिक एसिड को सप्लिमेंट्स के रूप में लिया जा सकता है या सीरम और इंजेक्शंस में इस्तेमाल किया जा सकता है। 

बेंजोइल पेरोक्साइड

बेजोइल पेरोक्साइड हमारे रोमछिद्रों में मुँहासे पैदा करने वाले बैक्टीरिया को नष्ट करने का काम करता है। यह रोमछिद्रों से मृत त्वचा कोशिकाओं को हटा कर त्वचा को एक्स्फोलीएट करता है। यह एक जबरदस्त घटक है जो मुँहासों के साथ– साथ ब्लैकहेड्स और ह्वाइटहेड्स के खिलाफ  कारगर रूप से काम करता है। बैक्टीरिया को तेजी से मारने की इसकी क्षमता इसे मुँहासों पर असरदार बनाती है और उपचार शुरु करने के कुछ ही दिनों के भीतर रिजल्ट्स दिखने लगते हैं।  

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विटामिन सी

विटामिन सी त्वचा संबंधी कई समस्याओं जैसे त्वचा की असमान रंगत (अनइवन स्किन टोन), बारीक रेखाएं (फाइन लाइन्स), मुँहासों के दाग और बेजान त्वचा आदि के लिए सबसे अधिक अनुशंसित उपचारों में से एक है। विटामिन सी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो फ्री रैडिकल्स को बेअसर कर देते हैं। बदले में यह त्वचा की नेचुरल रिजनरेशन प्रॉसेस (प्राकृतिक पुनर्जनन प्रक्रिया) में मदद करती है। दूसरे शब्दों में कहें तो, विटामिन सी यूवी किरणों और वायु प्रदूषण जैसे बाहरी कारकों से लड़ कर आपकी त्वचा को स्वस्थ बनाए रख सकती है। इतना ही नहीं, विटामिन सी, त्वचा को समय से पहले बूढा होने से भी रोक सकती है।

अपने अम्लीय प्रकृति (एसिडिट नेचर) के कारण विटामिन सी कॉलाजन और इलास्टिन के उत्पादन को बढ़ाकर त्वचा को स्वयं ठीक होने के लिए प्रेरित करती है।

हालांकि ये इंग्रीडिएन्ट त्वचा पर चमत्कारी प्रभाव डाल सकते हैं, लेकिन इस बात का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यदि इनका इस्तेमाल सही तरीके से नहीं किया गया तो इनके साइट इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। अपनी त्वचा पर नए इन्ग्रीडीअन्ट्स का प्रयोग करना शुरु करने से पहले त्वचा विशेषज्ञ (डर्माटलॉजिस्ट) से सलाह लेना हमेशा अच्छा होता है।

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लेखिका – डॉक्टर प्रियंका रेड्डी (Dr.Priyanka Reddy)-त्वचा विशेषज्ञ, कॉस्मेटोलॉजिस्ट, ट्राइकोलॉजिस्ट, डीएनए (DNA) स्किन क्लीनिक, बैंगलोर के संस्थापक।

Edited By: Siyajit

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