Cocopeat Kya hai Istemal ki Vidhi Upyog Fayde Labh, कोकोपीट क्या है इस्तेमाल की विधि, उपयोग, फायदे, इस तरह से करे छत या आंगन में बागवानी ( terrace and gallery gardening) पाए हरियाली हर मौसम में cocopeat (कोकोपिट)
आजकल इस बदलते दौर में जहा मिलावटी केमिकल्स से बनी सब्जियां और फलो के साथ-साथ हम दूषित हवा को भी अपने रोज के दैनिक दिनचर्या में शामिल कर रहे है। जिस कारण हम कही न कही अनेक बीमारियों को आमंत्रित कर रहे है।
इसका मुख्य कारण है निरन्तर बढ़ती हुई आबादी एवं पेड़-पौधों की अतिरिक्त कटाई है इसी को देखते हुए आजकल लोगो का विश्वास जैविक बागवानी organic farming की ओर रुझान पहले के मुकाबले बहुत ज्यादा बढ रहा है। organic farming न केवल शुद्ध सब्जियां और औषधि (जैसे – तुलसी ,गिलोय,शतावर,अश्वगंधा उपयोगी पौधे) लगाए जा सकते है बल्कि अपने आस-पास की वायु को दूषित होने से बचाया जा सकता है।

अगर आप भी बागवानी करने में रुचि रखते है और आपके पास भी थोड़ा स्पेस है (जैसे- गैलरी,छत या प्लाट) इत्यादि हैं। तो आज हम इस लेख के माध्यम से आपको मिट्टी के साथ मिला व मिट्टी के बिना बेहतर बागवानी करने का एक बेहतरीन उपाय बताएंगे तो बने रहिये हमारे साथ,
Cocopeat Kya hai ? इस्तेमाल की विधि, उपयोग, फायदे,
कोकोपिट क्या है? What is Cocopeat
हम अक्सर बागवानी तो करना चाहते है परंतु पर्याप्त मिट्टी या कम मिट्टी की समस्या से हमे दो चार होना पड़ता है। सबसे ज्यादा दिक्कत हमे छत बागवानी ( Terrace Gardening) में आती है क्योकि हमें उचित वजन का भी ख्याल रखना पड़ता है।
ऐसे में कोकोपिट इस्तेमाल (Cocopeat) की तकनीक एक अच्छा विकल्प है। Cocopeat Kya hai इसको जानने की लिए इस पोस्ट को पूरा पढ़े । कोकोपीट को कोकोनट पीट (Coconut Peat) या नारियल फाइबर (Coconut Fiber) के रूप में भी जाना जाता है, जो मिट्टी का सबसे अच्छा उप-प्रकार है। कोकोपिट नारियल के बाहरी छिलके के चूर्ण और खाद से तैयार की गई कृत्रिम मिट्टी होती है। जिसको सीधे ही या मिट्टी के साथ मिला के प्रयोग किया जाता है। नारियल में मौजूद रेशै में भारी मात्रा में गैसों को अवशोषित कर पर्यावरण को शुद्ध करने की क्षमता होती है यह न केवल आपके पौधे लिए बल्कि वातावरण के लिए भी फायदेमंद है। आइये विस्तार से जानते है
कोकोपिट इस्तेमाल की विधि :- (Method of using cocopeat)
- यह कोकोपिट 1,2,5,7 किलो के सिल्ली व ईंट के आकार में उपलब्ध होती है अपने उपयोग और खपत के अनुसार आप ऑन लाइन या ऑफ लाइन नर्सरी जा कर भी खरीद सकते है
- इसकी कीमत लगभग 30-50 रुपये प्रति किलो है। कोकोपिट के एक किलो के टुकड़े को 5-7 लीटर पानी मे 8 घण्टे पहले किसी बर्तन में भिगो के रखा जाता है।
- यह कोकोपिट सारे पानी को सोख लेती है तथा फूलकर आकार में फैल जाती है जो मिट्टी के साथ आधी मात्रा में मिलाकर लगभग 12-15 गमलो के लिए पर्याप्त है और बिना मिट्टी के लगभग 7 गमलो के लिए उपयोग में लायी जा सकती है।
- इसमे मौजूद pH का स्तर 5.7 से 6.5 के लगभग होता है जो पेड़-पौधे बढ़ाव के लिए उत्तम है (Plant growth) के लिए उपयुक्त है।
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कोकोपिट के उपयोग : Uses of Cocopeat:
- पोषक तत्व व रासायनिक गुण :- कोकोपीट के गुण एवं पोषक तत्वों की बात करे तो इसमें नाइट्रोजन, पोटेशियम,फास्फोरस, मैग्नीशियम,कॉपर और जिंक आदि होते हैं जिससे पोधो को जल्दी बढ़ने में मदद मिलती है।
- पूर्णतः जैविक (100% ओर्गानिक)- कोकोपीट यानी नारियल के महीन रेशों (जटा) coco coir में अत्यधिक मात्रा में फाइबर होता है जो बाजार में उपलब्ध किसी भी रासायनिक मिट्टी से कही ज्यादा प्राकृतिक केमिकल रहित है। पुुरी तरह से पर्यावरण हितेेेषी है।
- मिट्टी में आवश्यक नमी– अक्सर हमे छत, पर रखे गमलो (pots) में सीधी धूप पड़ने से उनमे बार-बार पानी की कमी हो जाती है छत पर पोधो को बार पानी देना भी सम्भव नही होता और पौधे सूखने लगते है कोकोपिट के इस्तेमाल से उसमे मौजूद फाइबर रेशे मिट्टी की अपेक्षा पानी को अधिक समय तक रोक (अवशोषित) कर रखते है। जिससे पौधों को एक या दो बार ही पानी पर्याप्त होता है।
- बीज रोपण व ऑक्सीजन स्तर बढ़ाना– कोकोपिट में अत्यधिक नमी एवं यह एन्टी फंगल होती है दानेदार मोटे फाइबर कण होने से कोकोपिट मिट्टी की तल में तक ऑक्सीजन पहुंचने में मदद करती है। जो अंकुरित व बीज रोपण की प्रक्रिया को मिटी की अपेक्षा तेजी से रोपण की प्रक्रिया को करती है।
- सख्त मिट्टी को दानेदार व पोली बनाना– कभी कभी गमलो को मिट्टी पोधो के अनुसार उपयुक्त नही होती और सूखकर ठोस हो जाती है जिससे पौधे सूखने लगते है। इस कृत्रिम तैयार मिट्टी को सुखी हुई मिट्टी में 50 प्रतिशत मिलाने से नारियल के दानेदार फाइबर रेशे सूखी मिट्टी में मिनरल्स लेवल बढ़ा कर उसको पोली बनाने में मदद करती है।
Cocopeat Kya hai ये आपको पता चल क्या होगा, इस तरह आप सब भी बागवानी के अपने शौक को इस कृत्रिम मिट्टी कोकोपिट के माध्यम से बेहतर तरीके से पूरा कर सकते है। इसके उपयोग से बार-बार पानी देने के झंझट से छुटकारा तो मिलेगा ही साथ ही पौधों की growth अच्छी होगी।
आप भी ले आइये कोकोपिट कीजिये इस्तेमाल और अपने अनुभव नीचे कमेंट बॉक्स में कर सकते है। अगर आपके पास कोकोपीट के अलावा कोई और तरीका है घर पर बागवानी करना को तो वो भी आप हमारे साथ साझा कर सकते हैं।
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धन्यवाद
Thanks for the valuable info
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Siya
Lajavaab
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Siya
Really nice knowledge I m using cocopeat awesome result for roof plantation👌
Thanks
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Siya
Very nice
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Siya
This is very awesome idea for gardening
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Siya
Very well written. Please share more details like which plants are suitable for which area and how to grow them.
I get sad when a plant die
Thanks Mr. Manav
Sure, in the future we will come up with tips and hacks to grow plants.
Regards
Siya
Knowledgeable,thnx