नींद विकार (sleep Disorders) से कैसे बचें और अपने स्वास्थ्य में सुधार कैसे लाये ?

नींद विकार Sleep disorders

नींद विकार (sleep Disorders) से कैसे बचें और अपने स्वास्थ्य में सुधार कैसे लाये ? नींद संबंधी विकार की स्थिति, बीमारियों का एक समूह है जो नींद की गुणवत्ता और अवधि को प्रभावित करते हैं। यह स्वास्थ्य समस्या या बहुत अधिक तनाव के कारण हो सकते हैं। बड़े शहरों में तो नींद की बीमारी हाल के दिनों में बहुत आम हो गई है। एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका की एक तिहाई से अधिक वयस्क आबादी केवल 24 घंटों में ५-७ घंटे की नींद के अनुपात के साथ नींद संबंधी विकारों से पीड़ित है। यह बच्चों में भी आम हो गया है, और हाई स्कूल के लगभग 70 प्रतिशत छात्रों को रात में 8 घंटे से कम नींद लेने की सूचना मिली थी।

कुछ लोग आमतौर पर चिंता, तनाव और अन्य पर्यावरणीय प्रभावों के कारण नींद से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहें हैं। अगर नींद न आने की परेशानी कभी-कभी होती हैं , तो उन्हें बीमारियों के अंतर्गत वर्गीकृत नहीं किया जाता है। हालांकि, नियमित रूप से इन लक्षणों की पुनरावृत्ति नींद विकार का संकेत दे सकती है।

नींद विकार के प्रका

नींद संबंधी विकार के कई प्रकार होते हैं, साथ ही नींद विकार के कारण भी प्रत्येक व्यक्ति के अलग अलग हो सकते हैं और विशिष्ट प्रकार के अनुसार, लोगों को कई लक्षणों का अनुभव हो सकता है। आमतौर पर, उन्हें रात चर्या का पालन करने में कठिनाई होती है और वे दिन भर असाधारण रूप से थका हुआ और सुस्त महसूस करते हैं।

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अधिकतर मामलों में, ये नींद विकार किसी चिकित्सीय या मानसिक स्वास्थ्य स्थिति के कारण भी होते हैं। इसलिए, जैसे ही आप अपने नींद के स्वास्थ्य में कुछ बदलाव देखते हैं, तुरंत निदान उपचार प्राप्त करना महत्वपूर्ण है। नजरअंदाज किए गए लक्षण प्रतिकूल प्रभाव और आगे कई मानसिक और स्वास्थ्य सम्बन्धी विकारो को उत्पन्न कर  सकते हैं।  आपकी कार्य क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं और दैनिक गतिविधियों को करने की आपकी क्षमता को कम कर सकते हैं।

नींद संबंधी विकारों के कुछ सबसे ज्यादा पाए जाने वाले प्रकार निम्नलिखित हैं :-

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  • अनिद्रा (insomnia)
  • नार्कोलेप्सी (Narcolepsy)
  • स्लीप एप्निया (Sleep apnea)
  • बेचैन पैर सिंड्रोम (Restless leg syndrome)
  • पैरासोमनियास (Parasomnias)

सामान्य लक्षण

जैसा की पहले बताया जा चूका है कि प्रत्येक व्यक्ति में रोग के प्रकार और गंभीरता के अनुसार लक्षण भिन्न हो सकते हैं। रोग के प्रकार और गंभीरता के अनुसार लक्षण भिन्न हो सकते हैं। अनिंद्रा और नींद विकारो की स्तिथि में पाए जाने वालें सामान्य लक्षण निचे दिए गए हैं :-

  • दिन के समय आलस या सुस्ती
  • साँस की तकलीफे
  • सोने या सोते रहने में कठिनाई
  • नींद के दौरान बार बार करवटें लेना
  • दिन में बार-बार झपकी आना
  • जागने और सोने के समय में बार-बार होने वाले बदलाव
  • तनाव और चिंता
  • चिड़चिड़ापन
  • ध्यान की कमी
  • वजन बढ़ना
  • डिप्रेशन

ये लक्षण कई कारकों से उत्पन्न हो सकते हैं जिनके कई कारण हो सकते हैं, जिनमें पुराने दर्द, बार-बार पेशाब आना, एलर्जी, ऊपरी श्वसन पथ के रोग आदि शामिल हैं।

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निदान

डॉक्टर आमतौर पर शुरू में अनिश्चित अनुमान लगाने के लिए सभी लक्षणों और चिकित्सा इतिहास के बारे में जानकारी एकत्र करते हैं। इस अनुमान की पुष्टि विभिन्न तकनीकों द्वारा की जाती है जिनमें शामिल हैं:

  • पॉलीसोम्नोग्राफी Polysomnography (PSG)
  • इलेक्ट्रोएन्सेफलोग्राम Electroencephalogram (EEG)
  • एकाधिक नींद विलंबता परीक्षण Multiple sleep latency tests (MSLT)

इलाज

डॉक्टर मरीज़ को उनमे पाये जाने वाले लक्षणों के अनुसार आवश्यक सर्वोत्तम उपचार का सुझाव देगा। यदि नींद विकार किसी अन्य बीमारी के परिणामस्वरूप होता है, तो दवा की सिफारिश की जाती है। नहीं तो अधिकांशतः जीवनशैली में बदलाव ही एक अच्छा इलाज साबित होता है।

चिकित्सा उपचार

अगर डॉक्टर आपकी नींद की गड़बड़ी का इलाज चिकित्सकीय रूप से करने का फैसला करता है, तो वह इनकी सिफारिश करेगा:

  • नींद की गोलियां
  • मेलाटोनिन की खुराक
  • एक श्वास यंत्र
  • एलर्जी या किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या से संबंधित अन्य दवाएं

जीवन शैली में परिवर्तन-एक सर्वोत्तम उपाय

नींद विकार -जीवन शैली में परिवर्तन
नींद विकार -जीवन शैली में परिवर्तन

जीवनशैली में बदलाव सभी प्रकार के स्वास्थ्य को बनाए रखने का एक बहुत ही बेहतर तरीका है। यह आपकी नींद की गुणवत्ता में सुधार से साथ आपको बेहतर मानसिक स्वास्थ्य प्राप्त करने में मदद कर सकता है। आपको अपनी दिनचर्या का पालन सही रूप से करना चाहिए तथा  निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना चाहिए :

  • सबसे पहले, सोते समय अपने मोबाइल फ़ोन अपने आप न रखे। अगर जरुरी हो तभी फ़ोन को रिंगिंग मोड पर रखे अन्यथा रात्रि में फ़ोन को silent Mode पर ही रखें।
  • अपने आहार में सब्जियां, फल की मात्रा अधिक करें।
  • अगर आप मांसाहारी हैं तो मछली आहार में शामिल करें।
  • चीनी का सेवन न  करें इसके स्थान पर आप गुड़ ले सकते हैं।
  • सुबह में व्यायाम करे और सैर पर जरूर जाये।
  • तनाव और चिंता को कम करें।
  • रात की नींद का समय निर्धारित करे और उसका पालन भी जरूर करें।
  • सोने से पहले कम पानी पिएं।
  • कैफीन जैसे की चाय और कॉफी के अधिक सेवन से बचें।  खासकर रात्रि के दौरान
  • तंबाकू और शराब का सेवन न करे।
  • कम कार्ब्स का सेवन करें, खासकर सोने से पहले।
  • अपने डॉक्टर की सिफारिशों के आधार पर उचित वजन बनाए रखें।

इसके अलावा, अपनी दिनचर्या की एक समय सारिणी बनाये और उसका पालन करने से आपकी नींद की गुणवत्ता पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। जो लोग स्थायी नींद विकारों से पीड़ित नहीं हैं, उन्हें भी एक स्वस्थ दिनचर्या बनाए रखनी चाहिए ताकि वे सप्ताहांत के दौरान अतिरिक्त घंटों की नींद लेने का मोह न करें क्योंकि यह अंदर की जैविक घड़ी को बाधित करता है और कार्य सप्ताह के दौरान सोने की तीव्र इच्छा पैदा करता है।

निष्कर्ष

नींद संबंधी विकार इन दिनों बहुत आम होते जा रहे हैं, जहां लोग, विशेष रूप से, बच्चे और युवा वयस्क, एक गतिहीन जीवन जी रहे हैं। भोजन के नाम पर जंक फ़ूड, बाहर का खाना खाते हैं। नींद संबंधी विकारों से बचने के लिए आवयश्क है की जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाये अन्यथा वे कुछ गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों को जन्म दे सकते हैं। आज के लिए इतना ही  मुझे आशा है कि आपको नींद संबंधी विकारों और उनका इलाज कैसे करें के बारे में पढ़कर अच्छा लगा होगा। मुझे अपने विचार नीचे टिप्पणियों में जरूर बताएं।

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