ईसबगोल के फायदे
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ईसबगोल के फायदे: पेट की अनेक बीमारी के लिए एक लाभप्रद औषधि

ईसबगोल के फायदे: पेट की अनेक बीमारी के लिए एक लाभप्रद औषधि / जाने ईसबगोल के फायदे, ईसबगोल के साइड इफ़ेक्ट, कैसे इस्तेमाल करे और ईसबगोल कैसे बनता है ? Know the benefits of Isabgol, side effects of Isabgol, how to use it and how isabgol is made? in Hindi.

आजकल की व्यस्त भागदौड़ भरी जिंदगी में छुट-पुट बीमारी होना आम बात है परंतु यदि यह समस्या पेट की हो तब और भी ज्यादा समस्या हो जाती है क्योंकि शरीर मे मौजूद सभी बीमारियां की जड़ ही पेट की खराबी है। यदि हमारा पेट अस्वस्थ है। तो पूरी दिनचर्या ही अस्त-व्यस्त हो जाती है ‘ न ही हम कार्य पर ध्यान केंद्रित कर पाते है न ही मन लगा पाते है।

तो आज हम अपने पाठकों को बात कर रहे है एक ऐसी औषधि की जो पूरी तरह आयुर्वेद है परन्तु वर्तमान में इसका प्रयोग एलोपैथी के चिकित्सक भी अपने मरीजो पर कर रहे है।

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ईसबगोल, जी हां दोस्तो इसका अंग्रेजी नाम ‘ Psyllium Husk (साइलियम हस्क) है। यह प्लांटेगो ओवेटो नामक पौधे से मिलने वाली भूसी है जिसमे अत्यधिक मात्रा में फाइबर पाया जाता है। इसमे 70 प्रतिशत घुलनशील और 30 प्रतिशत अघुलनशील फाइबर होता है। भारत की सभी कम्पनिया आयुर्वेद हो या एलोपैथी ईसबगोल का उपयोग दवा बनाने में करती आ रही है।  

इसकी कार्यप्रणाली अर्थात यह किस प्रकार कार्य करती है?

ईसबगोल में हाइग्रोस्कोपिक गुण होते है। इसके बीज की बाहरी परत की भूसी में घुलनशील फाइबर होता है इसीलिए जब ईसबगोल भूसी को पानी मे मिलाया जाता है। तो यह जेल बनकर पानी को अवशोषित कर लेता है जो हमारे पाचनतंत्र (Digestive system) से अतिरिक्त पानी को अवशोषित कर लेता हैं। जो पेट के विकार जैसे कब्ज, अपचन, मितली, एवं अन्य सभी समस्याओं में लाभदायक है।, आगे विस्तार से बता रहे है तो बने रहिये हमारे साथ…….

ईसबगोल के फायदे / ईसबगोल के दुष्प्रभाव
ईसबगोल के फायदे / ईसबगोल के दुष्प्रभाव

ईसबगोल के फायदे – Benefits of Isabgol in Hindi

पेट सम्बन्धी विभिन रोगों में ईसबगोल का उपयोग व मात्रा

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  • कब्ज (constipation) में लाभ- इसमे हाइग्रोस्कोपिक गुण होने के कारण ईसबगोल डाइजेस्टिव सिस्टम से ज्यादा पानी सोखने में मदद करती हैं। इसमें मौजूद फाइबर कब्ज ठीक करने का अच्छा उपाय है। दूध या गुनगुने पानी के साथ 1 से 3 चम्मच इसबगोल मिलाकर पी सकते हैं।
  • ब्लड शुगर स्तर को कम करना- इसबगोल ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में बहुत अधिक सहायता करता है। इसमे मौजूद जिलेटिन शरिर में मौजूद खून में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है इसके अलावा यह मानव शरीर मे ग्लूकोस टूटने के अवशोषण को रोकता है।
  • दस्त (loose motion) रोकना – इसबगोल आंतो में संक्रमण के कारण पनप रहे सूक्ष्म जीवों को निकलने में मदद करता है और आंतों को साफ करता है। अतः दस्त होने पर इसे दही के साथ  प्रयोग करने की सलाह दी जाती है। इसे आधी कटोरी दही में 2 चमच ईसबगोल मिलाकर उपयोग करने से तुरन्त लाभ होगा।
  • हृदय रखे स्वस्थ – ईसबगोल ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के साथ-साथ दिल की मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करता है। क्योंकि यह शरीर मे मौजूद ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर  को कम कर लिपिड के स्तर को बढ़ाता है। जिसके कारण लम्बे समय तक हमारा हृदय स्वस्थ रहता है।
  • कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित – मानव शरीर मे कोलेस्ट्रॉल (Good Cholesterol HDL & Bad Cholestrol LDL ) दो तरह का कोलेस्ट्रॉल पाया जाता है। ईसबगोल पित्त में मौजूद एसिड को बांधता है और LDL बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है इसके साथ ही गुड कोलेस्ट्रॉल HDL को बढ़ाने में मदद करता है।
  • वजन कम करना (weight loss) – ईसबगोल के सेवन से आँतो की सफाई तो  होती ही है इसके अलावा ईसबगोल शरीर मे जमा अतिरिक्त फैट को भी कम करने में मदद करता है। इसे सामान्य पानी या जूस के साथ 1-2 चमच मात्रा में लिया जा सकता है।
Benefits of Isabgol in Hindi
Benefits of Isabgol in Hindi /Image SourcE: amazon.in

ईसबगोल के दुष्प्रभाव / Side effects of Isabgol

हालांकि ईसबगोल के फायदे बहुत है परन्तु इसके कुछ दुष्प्रभाव भी है:-

  1. ईसबगोल का इस्तेमाल कभी भी 30ml से ज्यादा न करे।
  2. ईसबगोल लेने के दौरान ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थ लेने की सलाह दी जाती है वरना पेट मे ऐंठन ,मितली और उल्टी आने के कारण डिहाइड्रेशन होने की संभावना हो सकती है।
  3. ईसबगोल का अधिक मात्रा में सेवन से कफ की संभावना बढ़ सकती है। यदि उपयुक्त हो तो एक इसे लेने से पूर्व चिकित्सक से सलाह अवश्य कर लें।

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ईसबगोल कैसे बनता है? / How isabgol made?

इसबगोल, जिसे साइलियम की भूसी के रूप में भी जाना जाता है, प्लांटैगो ओवाटा पौधे के बीजों से प्राप्त होता है। इसबगोल बनाने में शामिल चरण इस प्रकार हैं:

कटाई: प्लांटैगो ओवाटा के पौधे की कटाई परिपक्वता तक पहुंचने पर की जाती है।

थ्रेशिंग: बीजों को बाकी पौधों से अलग करने के लिए काटे गए पौधों की थ्रेसिंग की जाती है।

सफाई: किसी भी अशुद्धियों और मलबे को हटाने के लिए बीजों को साफ किया जाता है।

पीसना: साफ किए गए बीजों को यांत्रिक ग्राइंडर का उपयोग करके महीन पाउडर बनाया जाता है।

छानना: फिर बची हुई अशुद्धियों को दूर करने के लिए पिसे हुए पाउडर को छान लिया जाता है।

पैकिंग: इसकी ताजगी और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए अंतिम उत्पाद को एयरटाइट कंटेनर में पैक किया जाता है।

इसबगोल पाउडर कब्ज और अन्य पाचन संबंधी समस्याओं के लिए एक लोकप्रिय प्राकृतिक उपचार है। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद के लिए आहार पूरक के रूप में भी प्रयोग किया जाता है।

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2 Comments

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